बददी, 6 मार्च। सतीश जैन : हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. धनीराम शांडिल के गृह जिले सोलन में ही स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा कर रह गई है। अब तो प्रदेश के अस्पतालों में संतोषजनक इलाज होना तो दूर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे मरीजों को हवा रुपी सांसे यानि आक्सीजन भी नसीब हो रही है। नालागढ़ के सरकारी अस्पताल की ऐसी ही एक लापरवाही सामने आई है। गंभीर बीमारी से जूझे रहे एक मरीज को एम्बुलेंस में चंडीगढ़ रेफर कर दिया जाता है । उसमें मरीज को सांस लेने में जब बहुत ज्यादा तकलीफ हुई तो रोग से ग्रसित मरीज की बेटी ने एंबुलेंस में बैठे कर्मचारी से सिलेंडर की मांग की गई तो उन्होंने कहा कि सिलेंडर खत्म है , उपलब्ध नहीं है । मरीज की सांसे अटक रही थी , वो तड़पते रहे पर एंबुलेंस में कोई सुविधा ही नहीं थी । नालागढ़ निवासी एडवोकेट निशा तनवर ने बताया कि कितनी मुश्किलों को झेलते हुए उनकी भाभी मधु कौशल ने मेेरे पिता को चंडीगढ़ पहुंचाया गया , इतनी बड़ी लापरवाही की वजह से किसी की जान भी जा सकती थी । निशा तनवर ने कहा कि सरकार कोई सुविधा नहीं दे रही है , बस वोट मांगने भिखारियों की तरह हाथ जोडक़र खड़े हो जाते है जबकि झूठ बोलकर काम करने के नाम पर वोट ले जाते है । उन्होने दून व नालागढ़ के नेताओं पर निशान साध कर बोला कि आपको चुना किसलिए गया है ? नेता लोग कहते है कि हमें तो जनता की सेवा करनी , ये सुविधाएं देकर तो आप आम जनता को परेशानी में ही डाल रहे है । यह घटना बीते शनिवार की है।
एंबूलेंस की हालत खस्ता-मधु
पीडीत व्यक्ति की पुत्रवधू मधु कौशल व पुत्र नवीन ने बताया कि उन्होने जैसे ही हमारे पिता जी को 108 एंबूलेंस में रखा तो कुछ दूरी पर जाकर उसमें आक्सीजन समाप्त हो गई। यहां तक की एंबूलेंस की खिडकी को लॉक नहीं था। मधु कौशल ने खिडकी को पकड कर रखा तो स्ट्रेचर पर पिता की हालत खराब थी। मैं पिता को संभालती यहा खिडक़ी को मेरी समझ से बाहर था। स्ट्रेचर भी सही स्थापित नहीं था और अगर खुल जाता वो बाहर भी गिर सकते थे। जैसे ही हम 32 सैक्टर पहुंचे तो वहां भी भीड थी तो हम अपने परिजन को निजी अस्पताल में ले गए वरना उनकी जान जा सकती थी।
एक अस्पताल भी ढंग से नहीं चला सकते है-निशा
स्वास्थ्य मंत्रालय की क्या कोई जिम्मेदारी नहीं है कि सरकारी अस्पतालों में एडवांस टेक्नोलॉजी की एंबुलेंस की सुविधा दी जाए । क्यों बददी, बारोटीवाला और नालागढ़ के लोगो को चंडीगढ़ इलाज के लिए भागना पड़ता है ? निशा ने कहा कि मेरा सरकार से सवाल है कि आपने इतने साल में किया क्या है ? बस पैसों की राजनीति कि 1500 रुपए खाते में डाले जाएंगे बस यही कर सकते हैं राजनीतिक दल व सरकारें। उन्होने कहा कि राजनीति में राज करना है तो स्मार्ट हॉस्पिटल, स्कूल कॉलेज की शिक्षा पर काम कीजीए जो कि एक आम इंसान की जरूरतें है , जनता का भरोसा जीतना वो भी लालच देकर ये है आजकल की गंदी व स्वार्थ की ओछी राजनीति। वोट डालना बंद कर दो सभी जो लोग पैसों की राजनीति करे उन्हें वोट मत डालो और नए युवा लोग राजनीति में आए और हिमाचल का विकास और उन्नति पर काम करे ।
पांचो विधायक कांग्रेस के विकास क्यों नहीं-चंदेल
वहीं दूसरी ओर बददी के सामाजिक कार्यकर्ता पदम सिंह चंदेल ने कहा कि सोलन जिले की जनता ने पांचो विधायक कांग्रेस पार्टी के चुनकर भेजे हैं। इसलिए हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने नालागढ़ की आम जनता को सुविधाओं का अंबार लगा दिया है। ऑक्सीजन के बिना एम्बुलेंस में तड़पने को छोड़ दिया है झूठे वादे करके सत्ता में आई कांग्रेस सरकार से सिवाय तड़पने के उम्मीद भी क्या की जा सकती है।