बददी के हाउसिंग बोर्ड स्थित सामुदायिक केन्द्र में रविवार को पर्यावरण गतिविधि द्वारा सामाजिक संगोष्ठी को आयोजन किया गया। जिसमें पांच दर्जन से ज्यादा परिवारों ने हिस्सा लिया। आयोजन प्रमुख भारत ठाकुर और पंकज गुप्ता ने बताया कि पर्यावरण को बचाना हर नागरिक का प्रमुख कतव्र्य है। क्योंकि पेड, पानी और प्लास्टिक के बगैर मानव जीवन सम्भव नहीं है इसलिए हम सभी को पानी और पेड को बचााने के लिए युद्वस्तर पर कार्य करना होगा। इसके इलावा प्लास्टिक के निष्पादन हेतू हमें अपने घरों में ही प्लास्टिक को रियूज करने की योजना पर काम करना होगा। यदि पत्येक घर मेें सभी प्लास्टिक का सामान एकत्रित करके एक बडी खाली बोतल में इकठठा किया जाता है तो कुछ ही दिनों में यह प्लास्टिक की बोतल एक ईट का रूप धारण कर लेती है और हम उसे घर के आंगन, पार्क में सज्जा के तौर पर लगा सकते हैं अथवा रददी के तौर पर कबाडी को बेचा जा सकता है।
पर्यावरण पेड गतिविधि प्रांत संयोजक श्रेष्ठानंद ने कहा कि पांच सौ सालों के बाद भारत में श्रीराम का मंदिर बन रहा है जोकि 2024 में बनकर पूरा होगा। इसी कडी में एक जनवरी 2023 से 2024 तक एक पेड राष्ट्र के नाम महा अभियान चलाया जा रहा है जिसमें हर घर के प्रत्येक सदस्य को एक पेड लगाने उसका संरक्षण-संवर्धन करने तथा देख रेख करने का संकल्प दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह काम छोटे बच्चे एवं युवा बडे ही उत्साह और उल्लास के साथ करते हैं इसलिए हम सभी को मिलकर हर घर को इस महाअभियान के साथ जोडना होगा तभी हमारा वातावरण शुद्व रह सकता है और हम सुखी एवं स्वस्थ रह सकते हैं। पर्यावरण गतिविधि सह-प्रांत प्रमुख पवन कुमार ने कहा कि हमारी संस्कति सदियों सदियों से पेड, पानी और मिटटी की पूजक रही है। उन्होंने कहा कि पेड साक्षात संत का रूप होते हैं जो हमें जीवनदान देते हैं इसीलिए हम इनका पूजन और वंदन करते हैं। परन्तु आज का वातावरण अन्धाधुन्ध भूमि कटाव, पेड कटाव एवं जल का सही निस्तारण हो पाने के कारण वातावरण के तापमान में लगातार हो रही विश्वव्यापी बढौतरी भूूमंडलीय उष्मीकरण (गलोबल वार्मिंग) की वजह से मानव जीवन पर खतरा पैदा हो गया है। इसलिए यदि हम आज अपने आस पास के वातावरण को बचाने के लिए सजग नहीं हुए तो आने वाली पीढी का भविष्य खतरे में डाल रहे हैं। उन्होंने अनेक प्रसंग बताते हुए कहा कि 12 सितंबर 1730 को राजस्थान में अमृता देवी ने वहां के राजा द्वारा पेड काटने का विरोध करने पर अपना तीन तीन बेटियों सहित बलिदान दे दिया था। इसके इलावा उतराखंड का चिपको आंदोलन भी विश्व विख्यात है। जिसमें पेड और जंगल को बचाने के लिए सैकडों लोगों ने अपना बलिदान दे दिया था।
इस अवसर पर प्रांत सह-संयोजक पवन कुमार, सोलन विभाग संयोजक ओमप्रकाश, जिला संयोजक पंकज ठाकुर, सह-संयोजक पंकज गुप्ता, मनु शर्मा, संजीव गुप्ता, सुरेश कुमार, राहुल कुमार, पंकज कुमार, कपिल शर्मा, शालिनी गुप्ता आदि अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
पर्यावरण को बचाने के लिए इन विभूतियों को मिला सम्मान
पं वैद्यनाथ, पं मनोहर लाल, पं धनीराम, पं जयनारायण शर्मा, आर्चाय प्रकाश चंद शैल, रजनीश भटट, कपिल शर्मा, प्रवीण भारद्वाज, विवेक सेमवाल, राजीव शर्मा, संजीव शर्मा, रणधीर शर्मा, चन्द्रशेखर सेमवाल, राम प्यारे दास, उतम चंद, रविन्द्र शर्मा, हंसराज भारद्वाज, सुरेंद्र कुमार शर्मा, कर्नल पीजेएस भल्ला, राजीव चौहान, सोमपाल, अनिरूद्व आर्य, सन्नी गर्ग, दीप्ति कपूर, ललित भारद्वाज, अखिल मोहन अग्रवाल, संभाष गर्ग, श्रीहरि ओम योगा सोसाईटी, सुधीर सुमन, अजय कुमार, नरेश शर्मा, विकास सम्याल, नीरज गुप्ता, हरविन्द्र धीमान आदि अनेक पेड, पानी और पर्यावरण पर विशेष कार्य करने वाली विभूतियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।