नालागढ़, 6 फरवरी। विशेष प्रतिनिधि
- नालागढ़ में हरदीप बावा की बजाय केएल ठाकुर के प्यादों को मिली ताजपोशी
- सरकार ने जरुरत के हिसाब से सुख हासिल करने के लिए कृष्ण का चुना
- ब्लाक कांग्रेस व इंटक प्रदेशाध्यक्ष हरदीप बावा को मुख्यमंत्री का झटका
फरवरी का महीना बेशक छोटा होता है लेकिन यह नालागढ़ की राजनीति में एक बडा उल्ट फेर कर गया। प्रदेश सरकार ने यहां पर अपनों को छोडकर आजाद के साथ चलने का दूरगामी निर्णय लिया है। स्थानीय निकाय में हुई चारों ताजपोशियों में प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार ने अपने विधानसभा के प्रत्याशी रहे व इंटक के प्रदेशाध्यक्ष हरदीप सिंह बावा को पूरी तरह दरकिनार करके नालागढ के कददावर नेता निर्दलीय विधायक कृष्ण लाल ठाकुर को गले लगा लिया है। पिछले एक माह से दोनों नेताओ में स्थानीय निकाय नगर परिषद नालागढ़ में पार्षद मनोनीत करवाने को लेकर सिर धड की बाजी लगी हुई थी। इंटक प्रदेशाध्यक्ष व कांग्रेस प्रत्याशी रहे हरदीप बावा व निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर ने पार्षद मनोनयन के लिए अपनी-अपनी लिस्टें प्रदेश सरकार को सौंपी थी। आशा की जा रही थी कि सुक्खू जो कि खुद संगठन की भटटी से निकले हैं संगठन को तरजीह देंगे और अपने हारे हुए प्रत्याशी की सूची को कमलबद्व करेंगे।
लेकिन सुक्खू ने लगातार दो चुनाव हार चुके हरदीप बावा जो कि राजा गुट के खास माने जाते हैं कि सारी लिस्टों को किनारे करके नालागढ़ में भविष्य की रणनीति साधने का प्रयास किया है। प्रदेश सरकार ने बावा की लिस्ट से बिल्कुल उल्ट निर्दलीय कृष्ण लाल ठाकुर के दिए हुए नामों को तव्वजो देते हुए सुख की पूरी कृपा उनके उपर उढेल दी। सरकार ने निर्दलीय विधायक के एल ठाकुर के समर्थकों कृष्ण संगर, बलजीत कौशिक, ओंकार गुप्ता व रविंद्र संाख्यान को नगर परिषद नालागढ़ में पार्षद मनोनीत किया है। नालागढ़ में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद ऐसी आशा जताई गई कि सुक्खू सरकार अपने संगठन को जिंदा रखने का परपंरागत दाव खेलेगी लेकिन यहां पर कांग्र्रेस भाजपा दोनो हाशिए पर थी और जीत निर्दलीय को मिली थी। कांग्रेस की करारी हार के वैकयूम गैप को भरने के लिए बावा का दावा सरकार व संगठन को आधारहीन लगा और उन्होने जिताऊ घोडे पर दाव खेलकर भविष्य की राजनीति और आगामी लोस व विस को साधा है।
यह तो तय है कि भाजपा से बगावत कर आजाद जीते केएल ठाकुर समेत दो दर्जन बागियों के लिए पार्टी ने सदैव के लिए रास्ते बंद कर दिए लेकिन फिर भी यह चर्चा थी कि राजा परिवार के खास बावा को ही नालागढ़ की कमान मिलेगी लेकिन आज के दाव से उनकी सारी सियासत डगमगा गई है। बावा को सुक्खू ने साफ संकेत दे दिया है कि हम वजनदार व्यक्ति के साथ चलेंगे जो कि अब हमारा एसोसिएसट विधायक है। पहली आजमाईश में केएल को तव्वजो देकर ठाकुर सुखविंद्र सिंह ने यह भी संकेत दे दिए कि अब नालागढ़ में कृष्ण ही उनके सुख दुख के साथी होंगे और बावा को जोगी बनना ही पडेगा। मनोनयन के बाद बावा की चेयरमैन की सियासी ताजपोशी पर भी ग्रहण लगता नजर आ रहा है।
राजनीतिक माहिरों का मानना है कि बावा आजाद व टिकट पर दो चुनाव हार चुके हैं और अब नालागढ़ में उनका भविष्य नहीं बचा है इसलिए कांग्र्रेस सरकार ने कृष्ण को नालागढ में अपना सारथी मान लिया है। लोकसभा चुनाव सिर पर है और उसमें केएल ठाकुर की परख भी हो जाएगी कि वो भाजपा की 40 हजार लीड को कितना कम कर पाते हैं। अब देखना यह भी है कि आने वाले समय में सीएम के प्रवास के दौरान शिलान्यासों व उदघाटनों की पटिटका पर निर्दलीय विधायक का नाम छपता है या नहीं है। अगर कृष्ण का नाम छपता है तो बावा का नाम यहां की सियासत से अदृश्य होते समय नहीं लगेगा और वो बस बीता हुआ वक्त बनकर रह जाएंगे।
सरकार ने जो निर्णय लिया वो स्वीकार: ब्लाक अध्यक्ष
इस विषय में ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष हुसन चंद ठाकुर ने कहा कि यह सच है कि चारो मनोनीत पार्षद निर्दलीय के समर्थक है लेकिन मैं इस विषय में कुछ नहीं कहूंगा। सरकार ने जो निर्णय लिया है वो सोच समझकर लिया होगा, और हमें स्वीकार है।